तीन तलाक के मुद्दे पर राज्‍यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित, प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई बैठक

दिल्ली : सोमवार को तीन तलाक के मुद्दे पर राज्‍यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष द्वारा विभिन्‍न मुद्दों पर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्‍थगित किया गया है. जानकारी के मुताबिक जिसके बाद विधेयक पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में बैठक बुलाई गयी है. इसमें बीजेपी अध्‍यक्ष व राज्‍यसभा सदस्‍य अमित शाह, वित्‍त मंत्री अरुण जेटली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं. इसके साथ ही विपक्षी दलों की भी संसद भवन में भी बैठक चल रही है. सरकार की ओर से यह विधेयक लोकसभा में पेश किया जा चुका है, जहां इसे भारी हंगामे के बाद पास कर दिया गया था..  लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के पास बहुमत है यही कारण है कि मोदी सरकार के लिए यहां बड़ी मुश्किल है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की मांग है कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, इस मुद्दे पर उन्होंने राज्यसभा के चेयरमैन को चिट्ठी भी लिखी है. राज्यसभा में बिल दोपहर दो बजे पेश हो सकता है

राज्यसभा में बहुमत में विपक्ष अब एकजुट होता दिख रहा है, बिल के पेश होने से पहले ही करीब 12 राजनीतिक दलों ने सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिख इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की है. इन 12 पार्टियों में कांग्रेस, एनसीपी, टीडीपी, TMC, सीपीआई, सीपीएम और आम आदमी पार्टी जैसे दल शामिल हैं

लोकसभा में बहुमत से पारित होने के बाद तीन तलाक बिल आज राज्य सभा में पेश होगा, बीजेपी और कांग्रेस ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने को कहा है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ऊपरी सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे. विधेयक को गुरुवार को विपक्ष के वॉकआउट के बीच लोकसभा में मंजूरी दी जा चुकी है. लोकसभा में तीन तलाक बिल के पक्ष में 245 वोट और विपक्ष में 11 वोट पड़े थे. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने बिल में संसोधन की मांग कर वॉकआउट किया था.

तमाम मुद्दों पर सरकार का साथ देने वाली एआईएडीएमके भी तीन तलाक बिल के विरोध में है. ऐसे में सरकार के पास राज्यसभा में संख्याबल जुटाना मुश्किल नजर आ रहा है, तो कांग्रेस ने भी संसोधन के बिना बिल पास ना होने देने की चुनौती दी है. ये विधेयक 19 सितंबर को लाए अध्यादेश के बदले आ रहा है. अगर इस सत्र में यह बिल पारित नहीं होता है तो फिर अध्यादेश निरस्त हो जाएगा और इसके बाद आम चुनाव होने हैं इसलिए तीन तलाक बिल आगे तक लटक जाएगा

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